भारत का वो जासूस जिसने पाकिस्तान में रहकर बचाई 20,000 भारतीय सैनिकों की जान

By Deepansha kasaudhan On February 15th, 2023
Indian SPY Ravindra Kaushik

Indian SPY Ravindra Kaushik एक जासूस की जिंदगी काफी उतार चढ़ाव से भरी होती है। फिर वो चाहे किसी भी देश का जासूस (Indian SPY Ravindra Kaushik) हो। आज हम आपको अपने इस लेख में एक ऐसे जासूस की कहानी बताने जा रहे है जिसने पाकिस्तान (Pakistan) में रहते हुए भारत के लिए जासूसी की थी और 20,000 भारतीय सैनिकों की जान भी बचाई थी।

जिस जासूस के बारे में हम आपको बताने जा रहे है उन्होंने महज 23 साल की उम्र में ही देश की रक्षा की खारित पाकिस्तान (Pakistan) जासूसी करने चला गया था और फिर कभी वापस नहीं लौटा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सलमान खान की फिल्म एक था टाइगर उसी जासूस की जिंदगी पर आधारित है। जिस जासूस की हम बात कर रहे है उनका नाम रविंद्र कौशिक (Ravindra Kaushik) है।

राजस्थान में हुआ था Indian SPY Ravindra Kaushik का जन्म

देश के लिए जासूसी करने वाले रविंद्र कौशिक (Ravindra Kaushik) का जन्म राजस्थान के श्रीगंगानगर में हुआ था। उनको बचपन से अभिनय करने का शौक था। ऐसे में एक बार उनको भारत की रॉ एजेंसी में शामिल होने का मौका मिला। उसी समय भारत की रॉ एजेंसी की स्थापना हुई थी और एजेंसी अच्छे जासूसों की तलाश कर रही थी।

Indian SPY Ravindra Kaushik ने नाटक में निभाया था जासूस का रोल

एक बार एक नाटक में भारत और चीन युद्ध के समय की परिस्थिति को दिखाया गया था। इस नाटक को सेना के अधिकारी भी देख रहे थे। इस नाटक में रविंद्र कौशिक (Ravindra Kaushik) ने भारत के जासूस का किरदार निभाया था। रविंद्र कौशिक के काम से सेना के अधिकारी इतने ज्यादा प्रभावित थे कि उन्हें रॉ एजेंट में शामिल होने का मौका दे दिया। रविंद्र कौशिक ने भी रॉ एजेंसी में एक जासूस बनने के लिए तैयार हो गए।

जासूस बनने की ली भी ट्रेनिंग

पढ़ाई पूरी करते ही रविंद्र कौशिक ने रॉ एजेंसी में ट्रेनिंग ली। उनको मुस्लिम युवक बनने के लिए उर्दू और फारसी भाषा की खास ट्रेनिंग दी गई है। इसके अलावा उनको आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी गई। इसके बाद रविंद्र कौशिक की जिंदगी से जुड़ी पूर्व जानकारियों को निरस्त कर दिया गया है। परिवार से जुड़ी जानकारियों को छिपा दिया गया है। इसके बाद साल 1975 में रविंद्र कौशिक को नबी अहमद शाकिर के नाम से पाकिस्तान भेजा गया।

यहां पर वो बतौर आम नागरिक रहने लगे। पाकिस्तान जाकर उन्होंने लॉ कॉलेज में एडमिशन ले लिया था। कॉलेज में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने बड़ी चलाकी से पाकिस्तान आर्मी में शामिल हो गए।

पाकिस्तान आर्मी बने अधिकारी
अपनी काबिलियत के दम पर रविंद्र कौशिक ने पाकिस्तान आर्मी में एक बड़े अधिकारी का पद हासिल किया। ऐसा कहा जाता है कि रविंद्र कौशिक ने पाकिस्तान में एक चीज सच्चे दिल से की थी वो है अमानत नाम की लड़की से प्यार। जिससे उन्होंने शादी की और उनकी एक बेटी भी हुई।

पाकिस्तान की आर्मी में रहते हुए रविंद्र कौशिक ने पाक के सभी जासूस जो भारत में जासूसी कर रहे थे उनकी जानकारी दी। जो भारतीय सेना के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हुई। भारत की सुरक्षा मामलों उनका योगदान काफी अहम माना जाता है। उनके द्वारा भेजी गई जानकारियां बहुमूल्य साबित हो रही थी।

सिर्फ इतना ही नहीं एक बार रविंद्र कौशिक के द्वारा भेजी गई जानकारी की वजह से 20000 भारतीय सैनिक की जान बच गई थी। उनके इस काम से खुश होकर उस वक्त के गृहमंत्री ने उनको टाइगर नाम की उपाधि दी थी। रविंद्र कौशिक को राष्ट्रीय धरोहर नामक पद से नवाजा भी गया था। उस वक्त की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी उनको टाइगर के नाम से संबोधित करती थी।

एक बार जब रॉ ने एक और अन्य जासूस को रविंद्र कौशिक के साथ रहने के लिए भेजा तो पाकिस्तान को उस जासूस के बारे में जानकारी हो गई। इसके बाद उसको गिरफ्तार करके रविंद्र कौशिक के बारे में जानकारी हासिल की। रविंद्र कौशिक के बारे में जानने के बाद पाकिस्तान सेना के अधिकारी हैरान रह गए। इसके बाद उनको सियालकोट की जेल में डाल दिया गया और उनको खूब प्रताड़ित किया गया। उनकी जिंदगी का अंतिम समय बहुत दुख में बीता। जहां पर ना वो अपने परिवार का प्यार पा सके और ना ही कभी दोबारा अपने वतन आ पाए। उनका ये योगदान देश कभी नहीं भूलेगा।

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