डेब्यू से बीसीसीआई के अध्यक्ष बनने तक ऐसा रहा सौरव गांगुली का सफर, कोच के साथ विवाद के बाद नहीं खेल पाए थे वनडे

By Tanu Chaturvedi On October 20th, 2022
सौरव गांगुली

सौरव गांगुली का बीसीसीआई (BCCI) के अध्यक्ष पद का सफर अब खत्म हो चुका है। लेकिन सौरव ने अपने क्रिकेट करियर में एक खास मुकाम हासिल कर रखा है जिसके कारण फैन्स आज भी उनको याद करते हैं। सौरव  को उनके चहेते फैन्स दादा भी कहते हैं, आइए आपको बताते हैं कैसी रही क्रिकेट डेब्यू से बीसीसीआई के अध्यक्ष बनने तक की यात्रा…

वेस्टइंडीज के खिलाफ सौरव गांगुली ने खेला था वनडे डेब्यू

दादा ने अपने क्रिकेट के सफर की शुरुआत वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे खेलकर की थी। 1992 में अपने डेब्यू मैच में वह 3 रन बनाकर ही आउट हो गए थे, लेकिन इसके बाद सौरव गांगुली ने अपने वनडे मैचों में शानदार रनों की पारी खेली। अपने क्रिकेट करियर में उन्होंने 311 वनडे मैच खेले, जिसमें उन्होंने 11363 यानि 11 हजार से ज्यादा रन बनाए थे।

उन्होंने 22 शतक और 72 अर्धशतक बनाए। टेस्ट क्रिकेट में 7212 रन बनाकर शानदार पारी खेली थी। बात करें आईपीएल की तो उन्होंने 59 मैच खेले, जिसमें अपनी शानदार बल्लेबाजी से उन्होंने 1349 रन बनाए थे।

कोच के साथ अनबन के बाद नहीं खेल पाए थे वनडे मैच

सौरव गांगुली और इंडिया टीम के कोच के बीच 2005 में विवाद हो गया था, इसकी वजह से वे वनडे मैच से भी बाहर कर दिए गए थे। 2005 में जॉन राइट का कार्यकाल खत्म होने के बाद नए कोच बने थे ग्रेग। ग्रेग को हेड कोच बनाने वाले सौरभ गांगुली ही थे। लेकिन बाद में उनके रिलेशन इतने खराब हो गए कि जिम्बाब्वे दौरे के दौरान चैपल के एक आलोचनात्मक मेल के लीक होने के बाद बीसीसीआई ने दोनों से सफाई मांगी और दादा को वनडे मैच से बाहर कर दिया।

हालांकि इस दौरान दादा चोटिल हो गए थे, जिससे मैच खेलने में भी समर्थ नहीं थे। उनकी जगह राहुल द्रविड़ को कप्तान बनाया गया था। विवाद खत्म होने के बाद दादा ने वापसी की तो उन्हें फिर से कप्तान नहीं बनाया गया। लेकिन 2007 में अपनी शानदार वापसी कर उन्होंने 30 मुकाबलों में 1240 रन बनाए थे।

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