3 ऐसे मौके जब सौरव गांगुली ने दिया विरोधियों का करारा जवाब, विदेशियों के उड़ा दिए थे होश

By Satyodaya Media On April 11th, 2023
3 ऐसे मौके जब सौरव गांगुली ने दिया विरोधियों का करारा जवाब, विदेशियों के उड़ा दिए थे होश

भारतीय क्रिकेट में पूर्व कप्तान सौरव गांगुली  (Sourav Ganguly) को सबसे आक्रामक कप्तान माना जाता था। गांगुली की रणनीति थी कि विपक्षी टीम को उसी की भाषा में जवाब दिया जाए। सौरव गांगुली विपक्षी टीमों और उनके खिलाड़ियों को अपने बेहतरीन तरीके से जवाब देने में माहिर थे। कई मौकों पर उन्होंने विपक्षी टीम के खिलाड़ियों को समझा दिया था की यदि कोई उनसे उलझेगा तो उसे मुंह की खानी पड़ेगी, जिसके कारण उनकी छवि एक आक्रामक खिलाड़ी के तौर पर बन गयी थी।

तो चलिए आज हम बात करते हैं ऐसे ही 3 मौको के बारें में जब सौरव गांगुली ने विपक्षी टीम के खिलाड़ियों को अपने शानदार अंदाज में जवाब दिया। ये सभी जिसके बाद से प्रसिद्ध घटना में शामिल हो गये। आज भी दादा के नाम के साथ इन वाक्यों का जिक्र जरूर होता है।

नेटवेस्ट ट्रॉफी जीत पर टीशर्ट लहराना

 

2001 में इंग्लैंड की टीम भारत के दौरे पर आयी थी। जहाँ पर वानखेड़े स्टेडियम में उन्होंने सीरीज को ड्रॉ करा दिया था। जिसके बाद इंग्लैंड के आलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटॉफ (Andrew Flintoff) पूरे स्टेडियम में अपना टीशर्ट निकाल कर घूमते हुए नजर आ रहे थे। उनकी ये हरकत सौरभ गांगुली (Sourav Ganguly) को तनिक भी पसंद नहीं आया। जिसके बाद नेटवेस्ट ट्रॉफी 2002 में खेलने के लिए भारतीय टीम इंग्लैंड गयी थी।

जहाँ पर भारत और इंग्लैण्ड के बीच लॉर्ड्स के मैदान पर फाइनल मुकाबला खेला जा रहा था भारतीय टीम उस मैच में 326 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही थी। कैफ (MD Kaif) और युवराज सिंह (Yuvraj singh) ने भारत के लिए जिम्मेदारी संभाली थी। मोहम्मद कैफ ने अंत में भारत को 2 विकेट से जीत दिला दिया। जिसके बाद लॉर्ड्स के बालकनी में ही सौरव गांगुली ने अपना टीशर्ट लहराना शुरू कर दिया था। जिसके कारण उन्हें कुछ जुर्माना देना पड़ा था। लेकिन उन्होंने फ्लिंटॉफ को जवाब भी दे दिया था।

स्टीव वॉ को टॉस पर करवाया इंतजार

 

2000 के शतक के मजबूत टीमों में ऑस्ट्रेलिया की टीम का दबदबा अलग ही था। उस दौरान टीम की कमान स्टीव वॉ (Steve waugh) के कन्धों पर थी। जो विपक्षी टीमों को बड़ी आसानी से चारो खाने चित कर देते थे। जिसके कारण वो विपक्षी टीम के कप्तान पर टॉस से ही दबाव बनाना शुरू कर देते थे। दादा ने उन्हें सबक सिखाने का फैसला किया। 2001 में ऑस्ट्रेलिया की टीम एकदिवसीय और टेस्ट सीरीज खेलने के लिए भारत आई।

दोनों मिलाकर 8 मैच खेले जाने थे। उस सीरीज के दौरान दादा ने स्टीव वॉ को 6 मैच में टॉस के लिए इंतजार करवाया था। जिसका जिक्र स्टीव ने अपनी आत्मकथा में किया था। बाद में सौरव गांगुली ने कहा था की वो अक्सर लेट हो जाते थे। वो उन्होंने कभी जानबूझकर नहीं किया था। लेकिन स्टीव वॉ दादा के इस जवाब से सहमत नहीं थे।

स्टुअर्ट ब्रॉड को भी दिया था करारा जवाब

 

एक बार फिर से इंग्लैंड के खिलाड़ी और दादा में भिड़ंत देखने को मिली थी। दरअसल 2006-07 में इंग्लैंड की टीम भारत दौरे पर आयी थी। 6 एकदिवसीय मैच में सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और सौरव गांगुली (Sourav ganguly) अपने शानदार फॉर्म में नजर आ रहे थे। स्टुअर्ट ब्रॉड (Stuart broad) गेंदबाजी के लिए आयें तो उनपर दादा ने शॉट खेलकर दवाब बनाने का प्रयास किया। स्टुअर्ट ब्रॉड के गेंद पर दादा ने शॉट खेला तो वो फील्डर के पास गया।

हालाँकि दादा को कोई रन नहीं मिल पाया। जिसपर स्टुअर्ट ब्रॉड ने उन्हें स्लेज करने का प्रयास किया। मैदान पर सौरव और ब्रॉड में कुछ कहासुनी भी हुई थी। जिसके बाद गांगुली ने स्टुअर्ट ब्रॉड के अगले ओवर का इंतजार किया। ब्रॉड जैसे ही अगले ओवर में आयें तो दादा ने उनका स्वागत छक्के के साथ किया। जिसके बाद स्टुअर्ट ब्रॉड ने गांगुली को स्लेज नहीं किया।

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