बीसीसीआई ने लिया अब तक के सबसे बड़ा फैसला, टूर्नामेंट में दिखेगा सबसे बड़ा बदलाव
बीसीसीआई ने महिला आईपीएल को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। महिला आईपीएल की फीस अब पुरुष आईपीएल के बराबर कर दी गई है। पिछले कई महिनों से इस पर बात चल रही थी। बीसीसीआई ने बड़ा फैसला किया है। इसके अलावा बीसीसीआई ने महिला अंपायर के लिए भी तीन महिलाओं का नाम ड्रॉफ्ट किया है। बीसीसीआई ने फैसला किया है कि अब से रणजी ट्रॉफी में महिला अंपायर्स को भी काम करने का मौका मिलेगा।
ड्राफ्ट की गई लिस्ट में शामिल महिलाएं घरेलू क्रिकेट में अंपायरिंग करती दिखेंगी। जिन तीन महिलाओं को ड्राफ्ट के लिए चुना गया है वह फिलहाल मैचों के दौरान ऑफिशिएट करती हैं। इन तीन महिलाओं को इस बार रणजी ट्रॉफी में ऑफिशिएट करने के लिए चुना गया है, उनमें मुंबई की वृंदा राठी, चेन्नई की जननी नारायण और गायत्री वेनुगोपालन शामिल हैं।
ये महिलाएं बन सकती हैं बीसीसीआई की तरफ से महिला अंपायर्स
अगले सीजन के लिए वह महिला अंपायर्स की लिस्ट ड्राफ्ट करेंगे जिसमें शामिल महिलाएं अंपायरिंग टेस्ट पास करने के बाद घरेलू टूर्नामेंट्स में हिस्सा ले पाएंगी। इसी दौरान वह न्यूजीलैंड की अंतरराष्ट्रीय अंपायर कैथी क्रोस से मिली जिन्होंने वृंदा को अंपायरिंग में हाथ आजमाने की सलाह दी। वहीं, दूसरी ओर चेन्नई की जननी नारायण ने अंपायर बनने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी। इसके अलावा गायत्री वेणुगोपाल भी क्रिकेटर बनन चाहती थीं लेकिन कंधे की चोट ने उनसे उनका सपना छीन लिया।
इन खिलाड़ियों को उनके गेम के दम पर इस पद के लिए चयनित किया गया है। भारत में महिला टीम और पुरुष टीम में काफी भेदभाव रहा है, इस कारण महिला टीम की फीस बढ़ा कर पुरुष टीम के बराबर करने पर चर्चा चल रही थी। इसलिए अगर यह बीसीसीआई का अंपायरिंग टेस्ट पास कर लेती हैं तो अगले साल मैदान अंपायर के तौर पर फैसले सुनाती दिखाई देंगी।
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