Atique Ahmed को सबसे पहले इस अधिकारी ने किया था गिरफ्तार, पूर्व डीएसपी बोलें खत्म नहीं हुआ अतीक का साम्राज्य

By Deepansha kasaudhan On April 18th, 2023
Atique Ahmed

उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन अतीक अहमद (Atique Ahmed) और उसके भाई अशरफ अहमद की बीते शनिवार की रात गोली मारकर हत्या कर दी गई है। हमलावरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले अतीक (Atique Ahmed) के बेटे असद को एसटीएफ (STF) ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। अतीक अहमद (Atique Ahmed) हत्याकांड के बाद कई लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आई है। कई लोगों ने इसे सही बताया है, तो कई लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं।

Atique Ahmed को लेकर की बात

अब इसी बीच अतीक अहमद को सबसे पहले गिरफ्तार करने वाले उत्तर प्रदेश पुलिस से डीएसपी के पद से साल 2015 में रिटायर हुए धीरेंद्र राय ने एक खास बातचीत में बात की और उन्होंने अतीक की कहानी बताई है। जब अपराध की दुनिया में उसका बोलबाला हुआ करता था।

पूर्व डीएसपी धीरेंद्र राय ने कहा कि, इस तरह की घटना हमेशा सभ्य समाज के लिए निंदनीय रही है और इसकी निंदा भी की जानी चाहिए। हालांकि जिस तरीके से यह अचानक घटना घटी और बाद में पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया यह पूरी तरीके से प्लान मर्डर था और इस पूरी घटना का स्विच कहीं और है। हत्या में जिन इंपोर्टेड हथियारों के इस्तेमाल किए गए हैं उसे सामान्य आदमी नहीं पा सकता।

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पूर्व डीएसपी बोलें खत्म नहीं हुआ Atique Ahmed का साम्राज्य

धीरेंद्र राय ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि, अतीक और अशरफ की मौत के बाद यह नहीं कहा जा सकता है कि उसका पूरा आपराधिक साम्राज्य खत्म हो गया है क्योंकि उसके चार बेटे हैं और दो बेटे क्रिमिनल मामले में जेल में बंद हैं। साथ ही उमेश पाल हत्या में षड्यंत्र रचने के मामले में उसकी उसकी बीबी भी अभी फरार है। जिसको पुलिस पकड़ नहीं सकी है।

उन्होंने आगे बताया कि, अतीक और अशरफ ने अपने जीवन काल में इस तरह के जघन्य अपराध कराए हैं और किए हैं। बहुत से लोग उनके इस तरह के दुश्मन होंगे जो उनको मारना चाह रहे होंगे। यह तो जांच ही तय कर पाएगा कि यह किस कारण से हुआ है लेकिन मैं इससे सहमत नहीं हूं कि अतीक की हत्या करने वाले शूटर जो कह रहे हैं वह सही है। तीनों आदमी अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं।

एक घटना को याद करते हुए धीरेंद्र राय ने बताया कि, साल 1986 में प्रयागराज के सिविल लाइन इलाके में अशोक साहू नामक युवक की अतीक अहमद के भाई ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड की जांच मुझे मिली। इस मामले में मैंने अतीक अहमद और उसके पिता को गिरफ्तार किया था और दोनों लोग जेल गए थे।

बाद में मेरा तबादला सीबीआई में हो गया। जब मैं इस केस की जांच कर रहा था, तो एक बार अतीक अहमद की तरफ से हमारे घर पर एक फोन आया और कहा गया कि, मैं आपका शुभचिंतक हूं और अतीक अहमद के बारे में मैं आपको कुछ बताना चाहता हूं। उस समय रात के 1:30 बज रहे थे। लोगों द्वारा जिस दुकान से हमारा सामान आता था उस दुकान पर जाकर भी मेरे बेटे के बारे में पूछा गया था। मुझे मालूम हो गया था किन लोगों के द्वारा यह कार्य किया जा रहा है।

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