थाईलैंड की पाकिस्तान पर बड़ी जीत का एक भारतीय था मास्टरमाइंड, अपने खुराफाती चालों से तोड़ डाला पाक का घमंड

By Twinkle Chaturvedi On October 6th, 2022
थाईलैंड की पाकिस्तान पर बड़ी जीत का एक भारतीय था मास्टरमाइंड, अपने खुराफाती चालों से तोड़ डाला पाक का घमंड

हर्षल पाठकः इस वक्त महिला एशिया कप (WOMEN’S ASIA CUP) सात अलग-अलग देशों की टीम के बीच खेला जा रहा हैं। भारतीय महिला टीम (INDIAN WOMEN TEAM) इस वक्त 3 मैच में 3 जीत के साथ सबसे टॉप पर चल रही हैं। वहीं यहां भी पाकिस्तान (PAKISTAN) भारत को फॉलो करती हुई नजर आ रही हैं। पाकिस्तान 3 मैच में 2 जीत के साथ दूसरे स्थान पर हैं।

पाकिस्तान महिला टीम को अपने पिछले मुकाबले में थाईलैंड (THAILAND) की टीम से जबरदस्त हार मिली हैं। थाईलैंड महिला टीम ने पाकिस्तान को 4 विकेट से करारी शिकस्त देकर टूर्नामेंट की अपनी पहली जीत दर्ज की हैं। लेकिन इस जीत के पीछे का मास्टरमाइंड एक भारतीय हैं। आइए आपको इस धमाकेदार खबर की पूरी जानकारी देते हैं।

पाकिस्तान को धूल चटाने वाले भारतीय कोच के बारे में जानें-

महिला एशिया कप 2022 में 10वां मुकाबला पाकिस्तान (PAKISTAN) और थाईलैंड (THAILAND) के बीच खेला जा रहा था। इस मैच में बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान सिर्फ 116 रन ही बान पायी थी। थाईलैंड की टीम ने एक गेंद शेष रहते ही 4 विकेट से जीत दर्ज कर ली।

थाईलैंड की इस जीत के पीछे उनके कोच का हाथ हैं जो कि भारतीय हैं। थाईलैंड के कोच हर्षल पाठक (HARSHAL PATHAK) लगभग 4 साल से थाईलैंड के कोच हैं। हर्षल के कोचिंग में थाईलैंड दिन ब दिन सुधार कर अच्छा करती हुई नजर आ रही हैं।

इसी सुधार से टीम ने पाकिस्तान जैसी टीम को हरा कर एशिया कप के टूर्नामेंट की पहली जीत हासिल कर ली हैं।  हर्षल भारत के राज्य महाराष्ट्र से ताल्लुक रखते हैं। आपको बता दें हर्षल पाठक नेशनल लेवल तक हॉकी भी खेल चुके हैं। लेकिन क्रिकेटर से कोच बनने का सफर भी काफी ज्यादा कठिन भरा रहा हैं।

चोट के चलते हर्षल पाठक को छोड़ना पड़ा था क्रिकेट

चोट के चलते हर्षल पाठक को छोड़ना पड़ा था क्रिकेट

हर्षल पाठक ने क्रिकेट खेलना काफी देर से शुरू किया था। क्योंकि उनके स्कूल में क्रिकेट नहीं था। क्रिकेट खेल की शुरूआत हर्षल ने एक बल्लेबाज के रूप में की थी। लेकिन महज 21 साल की उम्र में उन्हें क्रिकेट को छोड़ना पड़ा। क्योंकि उनके आंखों में चोट लग गई थी। एक इंटरव्यू के दौरान हर्षल ने अपने कोच बनने के सफर के बारे में बात करते हुए कहा था-

“मुझे 21 साल की उम्र में खेल छोड़ना पड़ा क्योंकि दांई आंख में चोट लग गई थी। मेरा करियर छोटा ही रह गया। मेरे कोच सुरेश भावे और डेविड ट्रिस्ट जो कि न्यूजीलैंड टेस्ट टीम के कोच रह चुके हैं। उन्होने मुझे प्रेरित किया कि मैं कोचिंग में जाऊं लेकिन मैं इसके लिए तैयार नहीं था। मैंने चोट के बावजूद खेलना जारी रखा लेकिन मुझे एहसास हुआ कि मैं चोट के साथ फर्स्ट क्लास क्रिकेट नहीं खेल पाऊंगा।”

बड़े संघर्षों के साथ कोच बने हर्षल पाठक

हर्षल पाठक जब अपना क्रिकेट करियर को आगे ले जा नहीं सकें। फिर उन्होने कोच बनने का सोचा। यहां से उनका सफर कठिन रास्तों से भरा हुआ था। अपने कोच बनने के सफर पर बात करते हुए हर्षल पाठक ने कहा-

“मैंने अपने कोच पर भरोसा किया और फिर मैंने कोचिंग देनी शुरू की। कैंडिस भारत की सबसे अच्छी क्रिकेट एकेडमी में से एक हैं। मैं सुरेंद्र भावे के साथ असिस्टेंट कोच था। सुरेंद्र भावे जब टीम इंडिया के सेलेक्टर बनें तो मैं उस एकेडमी का हेड कोच बना। इसके बाद मैं उस एकेडमी का हेड कोच बना।”

“इसके बाद मैंने बीसीसीआई लेवल 1 और लेवल 2 का एक्जाम पास किया। मैने एनसीए के कई कैंप किए मैंने कई इंटरनेशनल खिलाड़ियों के साथ काम किया। मैंने अंडर-15 से लेकर रणजी ट्रॉफी के खिलाड़ियों के साथ काम किया। 2014 में मैंने महाराष्ट्र रणजी टीम के साथ बतौर असिस्टेंट कोच काम किया। महाराष्ट्र उस साल 21 साल बाद फाइनल में पहुंचा था।”

थाईलैंड की टीम के साथ जुड़कर खुश हैं हर्षल पाठक

हर्षल पाठक ने साल 2018 में थाईलैंड महिला क्रिकेट टीम को जॉइन किया था। एक इंटरव्यू के दौरान हर्षल पाठक ने थाईलैंड टीम के साथ अपने अनुभव को साझा किया था। उनका कहना हैं कि- “थाईलैंड टीम के साथ काम करना सच में कमाल हैं मैं नवंबर 2018 में इस टीम के साथ जुड़ा मैं हमेशा खिलाड़ियों को टूर्नामेंट में खेलते हुए देखता हूं।”

हर्षल पाठक ने आगे बात करते हुए कहा-

“वहां आपको खिलाड़ियों की असली खूबी और वयक्तिव का पता चलता हैं। अभ्यास और नेट्स में ये सब दिखाई नहीं देता हैं। मैंने देखा कि थाईलैंड की टीम के पास गजब प्रतिभा हैं लेकिन उनकी मानसिकता पर काफी काम करना था। मैंने बल्लेबाजी पर काफी ध्यान दिया और उसमें सुघार हुआ।”

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