सुप्रीम कोर्ट से BCCI को मिली बड़ी राहत! सौरव गांगुली और जय शाह अब दोनों इतने सालों तक रहेंगे पदाधिकारी, जानिए पूरा मामला

By Akash Ranjan On September 14th, 2022
सुप्रीम कोर्ट से BCCI को मिली बड़ी राहत! सौरव गांगुली और जय शाह अब दोनों इतने सालों तक रहेंगे पदाधिकारी, जानिए पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को बड़ी राहत दी है। वहीं सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद अब सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) अगले तीन साल तक बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे। इसके अलावा जय शाह (Jay Shah) भी अगले तीन सालों तक बीसीसीआई सचिव का पद संभालेंगे। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को बोर्ड के सविधान में अमेंडमेंट करने की इजाजत दे दी है। क्या है इससे जुड़ी पूरी रिपोर्ट आइये जानते हैं।

सौरव गांगुली और जय शाह पर आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला

दरअसल सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और जय शाह (Jay Shah) दोनों का पहला कार्यकाल इस महीने की शुरुआत में बीसीसीआई (BCCI) के संविधान में ‘कूलिंग ऑफ पीरियड’ क्लॉज के मुताबिक समाप्त हो गया था। लेकिन, अब कोर्ट के फैसले के बाद सौरव गांगुली तीन साल तक बीसीसीआई के अध्यक्ष बने रहेंगे और जय शाह को भी अगले तीन साल तक बीसीसीआई सचिव बनना तय माना जा रहा है।

उच्चतम न्यायालय ने इस पर अपना तर्क देते हुए कहा कि पदाधिकारियों का कार्यकाल लगातार 12 साल का हो सकता है। इसमें राज्य संघ में छह साल और बीसीसीआई में छह साल शामिल हैं।

अपने पद पर बने रहेंगे गांगुली और जय शाह

बता दें कि बीसीसीआई (BCCI) ने अपने प्रस्तावित संशोधन में, अपने पदाधिकारियों के लिए कूलिंग-ऑफ अवधि को खत्म करने की मांग रखी थी, जिससे सौरव गांगुली और जय शाह संबंधित राज्य क्रिकेट संघों में छह साल पूरे करने के बावजूद अध्यक्ष और सचिव के रूप में पद पर बने रहेंगे। उच्च अदालत ने बुधवार (14 सितंबर) को अपने फैसले में कहा कि वह बीसीसीआई में एक पदाधिकारी को लगातार दो कार्यकाल के लिए पद धारण करने की अनुमति देगा। भले ही वे एक कार्यकाल के लिए राज्य संघ में पद पर हों।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया ऐसा तर्क

आपको बता दें कि बीसीसीआई (BCCI) के संविधान के मुताबिक एक पदाधिकारी को राज्य संघ या बीसीसीआई या दोनों संयुक्त रूप से लगातार दो कार्यकालों के बीच तीन साल की कूलिंग ऑफ अवधि का सामना करना पड़ता है। भारतीय बोर्ड की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ से कहा कि देश में क्रिकेट का खेल काफी व्यवस्थित है। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई एक स्वायत्त संस्था है और सभी बदलावों पर क्रिकेट संस्था की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में विचार किया गया।

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