बतौर कप्तान संन्यास से पहले कुछ नहीं जीते सचिन तेंदुलकर, लेकिन अब सब हुआ उलटा बल्लेबाजी छोड़ कप्तानी से मचा रहे हैं धमाल

By Twinkle Chaturvedi On October 2nd, 2022
सचिन तेंदुलकर

सचिन तेंदुलकर (SACHIN TENDULKAR) एक महान खिलाड़ी हैं क्रिकेट में उनके योगदान से उनको भगवान का दर्जा प्राप्त हैं। भारतीय क्रिकेट उनके योगदान से हमेशा आगे बढ़ता रहा है। खेल के प्रति उनके जज्बे ने दुनिया को क्रिकेट के लिए दीवाना बनाया हैं। कल 1 अक्टूबर को भारत के अगल-अगल शहरों में खेले जा रहे रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज (RSWS) का फाइनल मुकाबला खेला जा रहा था।

इंडिया लीजेंड्स (INDIAN LEGENDS) ने सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में दूसरी बार अपने नाम कर लिया हैं। सन्यास से पहले सचिन ने भारत के लिए एक भी ट्रॉफी अपनी कप्तानी में नहीं उठाई थी। लेकिन सन्यास के बाद ट्रॉफी उठा कर वह धमाल मचाते हुए नजर आ रहे हैं।

सचिन तेंदुलकर ने कप्तानी में दूसरी बार हाथ में उठाई ट्रॉफी

रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज (RSWS) के दूसरे सीजन का अंत धमाकेदार तरीके से हो चुका हैं। टूर्नामेंट का फाइनल मैच इंडिया लीजेंड्स और श्रीलंका लीजेंड्स के बीच कल 1 अक्टूबर को खेला जा रहा था। जिसे इंडिया लीजेंड्स ने 33 रनों से जीतकर ट्रॉफी पर दूसरी बाहर कब्जा किया। इस फाइनल मैच में कप्तान सचिन तेंदुलकर (SACHIN TENDULKAR) का प्रदर्शन तो शानदार नहीं थी वह शून्य के स्कोर पर ही अपना विकेट गंवा बैठे थे।

लेकिन उनकी शानदार कप्तानी ने इंडिया लीजेंड्स (INDIA LEGENDS) को विजयी बना दिया। फाइनल मैच के दौरान सचिन के फैसले से ही इंडिया लीजेंड्स सेफ हैंड में थी। इंडिया लीजेंड्स के शानदार खेल ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान फैंस को दीवाना बनाया हैं। इस लीग की शुरूआत और अंत जीत के साथ करने पर फैंस लीजेंड्स के खेल को सलाम करते हुए नजर आ रहे हैं।

सन्यास से पहले कप्तान के रूप में एक भी ट्रॉफी नहीं उठा पाए तेंदुलकर

क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने साल 1996 में भारत की कप्तानी का जिम्मा हाथ में लिया था। लेकिन साल 1997 में भारतीय टीम का बुरा हाल था। सचिन ने 73 वनडे मैचों में भारत के लिए कप्तानी की जहां उन्होने सिर्फ 23 मैच जीते और 43 मैच हारे उनका विनिंग प्रतिशत सिर्फ 35.07 हैं। वहीं अगर टेस्ट में उनकी कप्तानी की बात करें तो सह और भी ज्यादा खराब हैं।

सचिन तेंदुलकर ने 25 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की जिसमें भारत ने सिर्फ पांच ही मुकाबले जीते हैं। यानि की जितना अच्छा रिकॉर्ड सचिन की बल्लेबाजी का हैं उतना बुरा उनकी कप्तानी का हैं। सचिन की कप्तानी यह भी दर्शाती हैं कि आप हर चीज में परफेक्ट नहीं हो सकते हैं।

सचिन अपनी कप्तानी के दौरान भारत को एक भी ट्रॉफी नहीं जीतवा सकें। लेकिन साल 2011 वर्ल्ड कप भारत ने उनकी मौजूदगी में जीता था जो की हर मायने में खास हैं। सचिन तेंदुलकर सन्यास लेने के बाद लीजेंड्स टूर्नामेंट में अपनी बल्लेबाजी से ज्यादा अपनी कप्तानी से मैच जीताते हुए नजर आ रहे हैं।

 

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