दीप्ति शर्मा के मांकडिंग को लेकर चल रहे विवाद पर MCC ने तोड़ी अपनी चुप्पी, अंग्रेजों के मुंह पर जड़ दिया तमाचा

By Twinkle Chaturvedi On September 26th, 2022
दीप्ति शर्मा के मांकडिंग को लेकर चल रहे विवाद पर MCC ने तोड़ी अपनी चुप्पी, अंग्रेजों के मुंह पर जड़ दिया तमाचा

दीप्ति शर्माः भारतीय महिला क्रिकेट टीम (INDIAN WOMEN TEAM) का इंग्लैंड दौरे (ENGLAND TOUR) में  शानदार खेल दिखाते हुए नजर आए हैं। जहां भारतीय टीम ने 3 मैचों की वनडे सीरीज में 3-0 से जीत दर्ज अंग्रेजों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। भारत ने इस शानदार जीत के बाद दिग्गज झूलन गोस्वामी (JHULAN GOSWAMI) को शानदार विदाई भी दी हैं।

इस सब चीजों के अलावा दीप्ति शर्मा (DEEPTI SHARMA) द्वारा किए गए मांकडिंग ज्यादा चर्चा बटोरते हुए नजर आ रही हैं। क्रिकेट जगत से जुड़ा हर वयक्ति इस पर अपने विचार रखते हुए नजर आ रहे हैं। अगर वह मांकडिंग नहीं होती तो शायद इंग्लैंड मैच जीत सकती थी। अब इन सारे चल रहे विवादों के बीच मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) का बड़ा बयान सामने आ रहा हैं।

दीप्ति शर्मा के मांकडिंग पर एमसीसी का बयान

भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए वनडे सीरीज का आखिरी मैच काफी ज्यादा रोमांच भरा था। दोनों ही टीमों द्वारा शानदार खेल देखने को मिला। सीरीज के आखिरी मुकाबले को जीतने के लिए इंग्लैंड को 17 रनों की जरूरत थी। तभी दीप्ति शर्मा (DEEPTI SHARMA) ने दूसरे छोर पर खड़ी चार्ली डीन (CHARLIE DYNE) को 47 रन के स्कोर पर मांकडिंग रनआऊट कर दिया।

यह इंग्लैंड का आखिरी विकेट भी था। जिसके बाद इंग्लैंड मैच और सीरीज दोनों हार गयी। मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने इस पूरे मामले पर बयान देते हुए कहा हैं कि-

“शनिवार को सच में एक रोमांचक मैच का असामान्य अंत था। इसमें अधिकारियों ने उचित भूमिका निभाई और इसे कुछ और नहीं माना जाना चाहिए। गेंदबाजी छोर पर बल्लेबाजों के लिए एमसीसी का संदेश यही रहेगा कि वे तब तक क्रिज पर रहें जब तक की गेंदबाज के के हाथ से गेंद को निकलते हुए नहीं देख लेते।”

एमसीसी ने की सराहना

एमसीसी (MCC) ने अपने बयान में आगे बात करते हुए कहा हैं कि वह क्रिकेट के भावना के रूप में घटित इस दृश्य की सराहना करते हैं। एमसीसी ने आगे कहा-

“क्रिकेट की भावना के संरक्षक के रूप में इसकी सराहना करते हैं कि दुनिया भर में इसकी अलग-अलग व्याख्या की जाती हैं। सम्मानजनक बहस स्वस्थ हैं और जारी रहनी चाहिए क्योंकि जहां एक वयक्ति ऐसे उदाहरणों में गेंदबाज को खेल भावना का उल्लंघन करने के रूप में देखता हैं तो दूसरा गेंदबाजी छोर के बल्लेबाज को अपना मैदान जल्दी छोड़कर अनुचित लाभ प्राप्त करने की ओर इशारा करता हैं।”

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