1983 वर्ल्ड कप में कृष्णमाचारी श्रीकांत ने भी अपने बल्ले से मचाया था धमाल, आज भी होते हैं उनकी पारी के चर्चे

1983 वर्ल्ड कप में कपिल देव की कप्तानी में टीम इंडिया ने कृष्णमाचारी श्रीकांत ने भी शानदार पारी खेली है। उनकी बल्लेबाजी से गेंदबाजों की शामत आ जाती है। वह ड्रेसिंग रूम में भी जिधर आते- जाते, उठते- बैठते रहते थे उधर कुछ न कुछ सामान गिरता टूटता रहता था। अपनी अग्रेसिव ओपनिंग के लिए मशहूर इस बल्लेबाज के बारे में एक बार बिशन सिंह बेदी ने कहा था- “जब श्रीकांत बैटिंग करता है तो बादल गरजने लगते हैं, आसमान में बिजली चमकने लगती है।”
कृष्णमाचारी श्रीकांत हैं हाइएस्ट रन स्कोरर
कृष्णमाचारी श्रीकांत को कई लोग चिका कहकर भी बुलाते हैं। 1983 की क्रिकेट वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा रहे तमिलनाडु के इस बल्लेबाज ने वनडे और टेस्ट क्रिकेट के बाद सेलेक्शन कमेटी में भी अहम भूमिका निभाई। कपिल देव, मोहिंदर अमरनाथ और बलविंदर सिंह संधू की गेंदबाजी के चलते इंडिया अपने 183 रन के स्कोर को डिफेंड कर पाया था, मगर इस बीच कृष्णमाचारी श्रीकांत के 38 रनों के महत्वपूर्ण योगदान की उतनी चर्चा नहीं हो पाई थी।
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खेले हैं शानदार मैच
कृष्णमाचारी श्रीकांत 43 टेस्ट और 146 वनडे मैच खेले। टेस्ट में 2 सेंचुरी और 12 हाफ-सेंचुरी हैं इस बल्लेबाज के नाम, वहीं वनडे में 4 सेंचुरी और 27 हाफ-सेंचुरी भी लगाईं थी। श्रीकांत ने विशाखापटनम में साल 1988 में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले हाफ-सेंचुरी मारी और फिर बतौर ऑफ-ब्रेक स्पिनर 5 विकेट भी लिए थे। कृष्णमाचारी ने वनडे और टेस्ट दोनों में भारत की कप्तानी भी की।
ये रिकॉर्ड है दो वर्ल्ड कप विजेता टीमों का हिस्सा होने का रिकॉर्ड। साल 1983 में जो टीम ये कप जीती उसमें ओपनर बल्लेबाज थे और फिर 2011 वर्ल्ड कप विजेता टीम से इनका कनेक्शन बतौर चीफ सेलेक्टर था। वह क्रिकेट में बल्लेबाजी को लेकर काफी चर्चा में रहते हैं, उनकी फोटोज भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल होती रहती हैं।
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