IPL 2022: महेंद्र सिंह धोनी को कम लेकिन ऋषभ पंत को इस बाच के लिए ज्यादा मिली सजा, आईपीएल क्यों कर रहा है पक्षपात

By Shadab Ahmad On April 24th, 2022
महेंद्र सिंह धोनी को कम लेकिन ऋषभ पंत को इस बात के लिए ज्यादा मिली सजा

आईपीएल (IPL) में दिल्ली कैपिटल्स (DC) के नो बॉल प्रकरण से पहले महेंद्र सिंह धोनी (MS DHONI) इस प्रकार की घटना को अंजाम दे चुके हैं। महेंद्र सिंह धोनी  (MS DHONI)ने खुद फील्ड में जाकर अंपायर से बहस की थी। उनको भी इस मामले में सजा हुई थी लेकिन महेंद्र सिंह धोनी और दिल्ली के कप्तान ऋषभ पंत (RISHABH PANT) की सजा में अंतर है। जबकि महेंद्र सिंह धोनी (MS DHONI) के मुकाबले कप्तान ऋषभ पंत का अपराध भी कम है। इसके बाद भी कप्तान ऋषभ पंत  (RISHABH PANT) को महेंद्र सिंह धोनी के मुकाबले दोगुनी सजा मिली है।

खुद मैदान पर नहीं गए कप्तान ऋषभ पंत

गुरुवार को आईपीएल (IPL)के 34 वें मैच के आखिरी ओवर में ओबेद मोकॉय (OBED MCCOY) की तीसरी गेंद को लेकर विवाद हो गया। इसमें कप्तान ऋषभ पंत (RISHABH PANT) की ओर से नो बॉल दिए जाने की मांग की जाने लगी। इसको लेकर उन्होंने कोच प्रवीण आमरे (PRVIN AMRE) को फील्ड पर भेज दिया।

कोच को वहां से अंपायर ने हटा दिया और चौथे अंपायर तक से पूछना गवारा नहीं किया। इसके बाद कप्तान ने खिलाड़ियों को वापस बुलाने लगे। बाद में आईपीएल (IPL) ने उनको आचार संहिता का दोषी मानते हुए कप्तान ऋषभ पंत (RISHABH PANT) , शार्दुल ठाकुर (SHARDUL THAKUR) व कोच प्रवीण आमरे (PRVIN AMRE) पर जुर्माना ठोंक दिया। यह जुमार्ना इससे पहले हुए महेंद्र सिंह धोनी (MS DHONI) की ओर से किए गए नो बॉल प्रकरण के अपेक्षा बहुत अधिक है।

महेंद्र सिंह धोनी ने 2019 में मैदान पर पहुंच कर की थी बहस

महेंद्र सिंह धोनी (MS DHONI) ऋषभ पंत से पहले वर्ष 2019 में इस तरह की घटना को अंजाम दे चुके हैं। वर्ष 2019 में राजस्थान रॉयल्स (RR) ओर चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के बीच मैच खेला जा रहा था। मैच के आखिरी ओवर में नो बॉल को लेकर असमंजस की स्थिति बनी थी। बेन स्टोक्स ने फुल टॉस गेंद फेंकी तो अंपायर ने नो बॉल दे दी लेकिन लेग अंपायर ने इसको सही गेंद करार दे दिया, जिससे यह सही बॉल मान ली गई। इस दौरान क्रीज पर बैटिंग कर रहे रवींद्र जडेजा और मिचेल सैंटनर ने आपत्ति जताई।

इसी दौरान कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS DHONI) डग आउट से आ गए और कप्तान से बहस करने लगे। इस मामले में आईपीएल (IPL) ने उनको दोषी मान तो हुए उनकी 50 फीसद फीस काट ली थी लेकिन इस बार ऋषभ पंत (RISHABH PANT) की 100 प्रतिशत फीस काटी गई है। इसके साथ मैदान पर आने वाले कोच प्रवीण आमरे की 100 फीसद फीस और एक मैच का बैन लगाया गया है जबकि कोच और धोनी का अपराध बराबर है। इसके अलावा साथ में खड़े शार्दुल ठाकुर की 50 प्रतिशत फीस काटी गई । अब आगे आईपीएल (IPL) ही जाने की एक प्रकार के अपराध में अलग-अलग लोगों को कैसे अलग-अलग सजा मिल सकती है।

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