MUSTARD OIL PRICE: रूस व यूक्रेन के युद्ध की वजह से सरसों तेल हुआ महंगा, 3 दिन में इतनी बढ़ गई कीमत
Edible oil price: रूस व यूक्रेन के युद्ध का असर दुनियाभर में दिखना शुरू हो गया है. युद्ध की वजह से सोना- चांदी, पेट्रोल-डीजल के बाद अब खाने वालों तेलों(edible oil) के भाव तेजी के साथ बढ़ रहे हैं. हफ्तेभर के अंदर सरसों तेल(mustard oil) के दाम 135 से 155 रुपये प्रति लीटर के भाव से बेचे जा रहे हैं. वहीं अभी आगे भी इसकी कीमत और ज्यादा भी हो सकती है.
MUSTARD OIL के साथ बढ़ा सोयाबीन तेल का भाव
MUSTARD OIL के साथ- साथ सोयाबीन तेल(soyabean oil) का भाव भी बढ़ गया है.जो सोयाबीन तेल 15 से 20 फरवरी के बीच 135 से 140 रुपये प्रति लीटर थोक के भाव बिक रहा था आज उसमें 15 से 20 रुपये का इजाफा देखा गया है. जिसके बाद सरसों तेल की कीमत में भी 5 रुपये की तेजी दर्ज की गई है. हालांकि MUSTARD OIL से ज्यादा कीमतें सोयाबीन रिफाइंड व पाम आयल की बढीं है. इन तेलों की कीमतों में उछाल आने की वजह है बाहर के देशों से इन तेलों का आयात न होना है. जिसके वजह से इन्हें दाम बढ़ते जा रहे हैं.
लंबे टाइम बाद बढीं तेल की कीमतें
व्यपारियों के अनुसार इस बार लंबे समय से तेल की कीमतें लगभग स्थिर बनी हुई थी. शादी का सीजन होने के बावजूद सोयाबीन तेल के भाव थोक बाजार में 130 से 140 रुपये प्रति लीटर ही बने हुए थे. बीते फरवरी महीने के पहले सप्ताह से ही भाव बढ़ना शुरू हुआ, जो लगातार जारी है. उन्होंने बताया कि यूक्रेन संकट ने बाजार को कुछ ज्यादा प्रभावित किया है. यही वजह है कि आने वाले समय में इसका असर बाजार में और साफ़ दिखेगा. वहीं यूक्रेन संकट के साथ त्योहारों के सीजन में बाजार में तेलों के दाम बढ़ जाएंगे. क्योंकि महाशिवरात्रि(mahashivratri), होली(holi) व अन्य त्योहार नजदीक हैं. ऐसे में इस सप्ताह के अंत तक बाजार में त्योहारी खरीदारी शुरू होते ही मांग बढ़ने से भी कीमतें बढ़ जाएंगी.
होली के बाजार पर भी दिखेगा खास असर
खाने के तेलों की महंगाई का असर होली के बाजार(holi market) पर भी साफ़ दिखेगा. बाजार विशेषज्ञों के अनुसार पकवान के लिए खाद्य तेलों की जरूरत होती है. जिसकी वजह से तेल महंगे होने पर दुकानदारों के साथ आम लोगों को भी होंगी काफी दिक्कतें. जिसका असर त्योहारों पर साफ़ दिखेगा.
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