एग्जिट पोल के नतीजे बता रहे एक बार फिर बनेगी YOGI ADITYANATH की सरकार, जानिए क्या हैं सपा के हाल

By SM MEDIA On March 8th, 2022
YOGI ADITYANATH

यूपी विधानसभा चुनाव(up assembly election) के सातवें व आखिरी चरण का मतदान 7 मार्च को खत्म हो चुका है. वहीं सातवें चरण का मतदान खत्म होने के बाद एग्जिट पोल(exit poll)के नतीजे भी सामने आ चुके हैं. एग्जिट पोल के नतीजों के मुताबिक यूपी में एक बार फिर योगी आदित्यनाथ(yogi Adityanath) की सरकार बनेगी. अगर फिर से वह मुख्यमंत्री बनते हैं तो वह उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया इतिहास लिखेंगे.

सीएम बनने पर YOGI ADITYANATH लिखेंगे इतिहास

बता दें साल 1950 में यूपी में पहली बार चुनाव हुए, तब से लेकर अब तक राज्य में कोई भी लगातार दूसरी बार सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठा है, जिन्‍होंने अपना पहला 5 साल का कार्यकाल पूरा किया हो. अगर यूपी में दोबारा भाजपा की सरकार बनती है और YOGI ADITYANATH को सीएम बनाया जाता है तो यह ऐतिहासिक होगा.

यूपी की राजनीति में हमेशा कई रंग देखने को मिलते हैं. यहां का एक सबसे रोचक पहलू है कि किसी पार्टी की सत्ता रिपीट हुई तो उसने अपने पिछले सीएम को मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं दी. 1950 से 1967 तक राज्य में कांग्रेस की सरकार रही, लेकिन इस बीच में गोविंद वल्लभ पंत से शुरू हुई कुर्सी की कहानी चंद्रभान गुप्ता तक पहुंचते-पहुंचते बीच में पार्टी ने 3 सीएम बदल दिए थे. यानी 1950 से 1967 तक सरकार तो कांग्रेस रही, लेकिन हर बार मुख्यमंत्री(CM) बदलते रहे. इसके बाद 1980 से 1989 तक फिर से कांग्रेस की सरकार रही, लेकिन इन 9 सालों में कांग्रेस ने 5 सीएम बदल डाले.

पहली बार 5 साल तक चलाई यूपी की सत्ता

भाजपा ने यूपी में 1997 से 2002 तक पहली बार 5 साल तक यूपी की सत्ता चलाई, लेकिन इन पांच सालों में भाजपा ने भी 3 मुख्यमंत्री बदले. जब बीजेपी ने 21 सितंबर 1997 को सरकार बनाई तो कल्याण सिहं सीएम बने, फिर 2 साल बाद सीएम बदलकर राम प्रकाश गुप्ता को मुख्यमंत्री की कुर्सी दे दी गई. इसके 351 दिन बाद राम प्रकाश गुप्ता को हटाकर भाजपा ने राजनाथ सिंह(Rajnath singh) को सीएम बना दिया.

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टूटेगा नोएडा का मिथक

जानकारी के मुताबिक नोएडा(Noida) को लेकर यूपी की राजनीति में एक बहुत बड़ा मिथक है कि जिसने भी सीएम रहते वहां का दौरा किया. अगली बार उसकी सरकार चली जाती है. ये मिथक दशकों से चला आ रहा है. इस मिथक की शुरुआत होती है 1988 से, उस समय जब वीर बहादुर सिंह यूपी के सीएम हुआ करते थे और वह नोएडा के दौरे पर आए थे. इसके बाद अगली बार उनकी सरकार नहीं बनी. उसके बाद एनडी तिवारी ने 1989 में नोएडा के सेक्टर 12 में नेहरू पार्क का उद्घाटन किया और कुछ दिन बाद उनकी कुर्सी चली गई. इसके बाद कल्याण सिंह और मुलायम सिंह के साथ भी ऐसा ही हुआ.

मायावती ने सीएम रहते नहीं किया नोएडा का दौरा

कल्याण सिंह की कुर्सी जाने के बाद राजनाथ सिंह को बीजेपी ने सीएम बनाया था, और उन्हें 2000 में डीएनडी फ्लाइओवर का उद्घाटन करना था लेकिन राजनाथ सिंह ने नोएडा न आकर दिल्ली से ही उस फ्लाइओवर का उद्घाटन कर दिया था. इसके बाद भी उनकी कुर्सी नहीं बची.

अब इसे इत्तेफाक कहें या मिथक. वहीं 2011 में मायावती(Mayawati) ने भी नोएडा आने की हिम्मत की और 2012 में तब भी उनकी सरकार चली गई. इसके बाद अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav ) सीएम रहते कभी नोएडा नहीं गए. कई लोगों ने कहा कि शायद वह इस मिथक को सच मानते हैं. हालांकि सीएम YOGI ADITYANATH कई बार नोएडा आ चुके हैं. अगर वह दोबार सीएम पद को संभालते हैं तो नोएडा का ये मिथक टूट जाएगा.

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