AKHILESH YADAV को भले न मिली हो सत्ता, लेकिन यूपी चुनाव में कर गए ये कमाल
यूपी समेत पांचो राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम(up assembly election result) आ चुके हैं. वहीं यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद यह साफ़ हो चुका है कि सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) को सत्ता में आने के लिए अब 2027 का इंतजार करना पड़ेगा. AKHILESH YADAV भले ही इस चुनाव में सरकार न बना पाएं हों, लेकिन वह जनता का दिल जीतने में कामयाब रहे. यही वजह है 2017 से 2022 में उनकी वोट शेयरिंग बढ़ गई है.
जानकारी के मुताबिक पिछले चुनाव 2017 का वोट शेयर 21.8 फीसदी था जो इस बार 10 फीसदी के उछाल के साथ 31.8 प्रतिशत हो गया है. हालांकि अपने वोट शेयर में इजाफा करने के बावजूद सपा को पर्याप्त सीटें नहीं हासिल हुई है.
इस चुनाव से पहले सपा ने साल 2012 में चुनाव जीता था. उस 29.12% वोट मिले थे. तब AKHILESH YADAV ने 200 से अधिक सीटों पर जीत हासिल की थी. समाजवादी पार्टी का भले ही इस बार वोट शेयर पहले की अपेक्षा बढ़ा हो फिर भी वह बीजेपी से हर गई है. बता दें इस चुनाव में सपा का ही नहीं भाजपा का भी वोट शेयर बढ़ा है.
छोटे पार्टियों के साथ गठबंधन नहीं आया काम
2017 के चुनाव में सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था, लेकिन अखिलेश यादव की पार्टी को 50 से भी कम सीटें प्राप्त हुई. वहीं इस बार के चुनाव में सपा प्रमुख ने कई छोटी-छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन किया जिसके परिणाम स्वरूप 2017 की 47 सीटों से बढ़कर 135 सीटों तक पहुंच गए हैं.
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AKHILESH YADAV के नेतृत्व में ये सपा ने तीसरा चुनाव लड़ा. जिसमें सपा अपनी छाप छोड़ने में नाकाम हुई है. अब भाजपा अखिलेश यादव की नीतियों पर सवाल खड़े करने की पूरी कोशिश करेगी. 2019 के लोकसभा चुनाव सपा ने बसपा के साथ गठबंधन किया था, लेकिन इसमें भी बुआ- बबुआ की जोड़ी कमाल नहीं दिखा पाई थी. अगर बात 2022 के चुनाव की करें तो छोटे दलों के साथ गठबंधन व बीजेपी के बागी नेताओं ने सपा को जीत के मुकाम पर पहुंचाने में पूरी तरह असफल रही है.
जानें सपा का वोट शेयर
1993 के चुनाव में सपा का वोट शेयर 17.94 फीसदी, 1996 में 21.80 प्रतिशत, 2002 में 25.38 प्रतिशत, 2007 में 25.43 प्रतिशत, 2012 में 29.13 प्रतिशत और 2017 में 21.82 प्रतिशत वोट शेयर था.
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