JODHPUR VIOLENCE: ईद में फ़िर झंडे और लाउडस्पीकर को लेकर भड़की हिंसा, जोधपुर में पुलिस की निगरानी इन्टरनेट सेवा भी बंद

By Sameeksha dixit On May 3rd, 2022
JODHPUR VIOLENCE: ईद में फ़िर झंडे और लाउडस्पीकर को लेकर भड़की हिंसा, जोधपुर में पुलिस की निगरानी इन्टरनेट सेवा भी बंद

राजस्थान (Rajasthan) के जोधपुर (Jodhpur) में सोमवार शाम को शुरू हुई हिंसा (Violence) ने मंगलवार को ईद (EID) पर फ़िर दिखाया अपना रंग. जोधपुर (Jodhpur) में दो समुदाय के बीच हुई हिंसा (Violence) के चलते पुलिस की निगरानी और बढ़ा दी गयी है. हिंसा (Violence) के चलते इन्टरनेट सेवा भी बंद कर दी गयी है. हालाँकि अभी मामला शांत है लेकिन आस पास के ज़िलों में दहशत बरक़रार है.

जोधपुर हिंसा में झंडे और लाउडस्पीकर हैं अहम वजह

जोधपुर हिंसा (Violence) की शुरुवात सोमवार को रात से ही हो गयी थी. जोधपुर हिंसा (Violence) की चिंगारी तब से लगी हुई है जब से परशुराम जयंती महोत्सव की शुरुवात हुई थी. इसी कड़ी में जोधपुर (Jodhpur) के जालौरी गेट चौराहे पर स्वर्गीय बालमुकुंद बिस्सा (Balmukund Bissa) के चौराहे पर भगवा ध्वज फहराए हुए थे. ईद (EID) को होने वाली नमाज़ से पहले प्रशासन ने सोमवार को ब्राह्मण समाज से अनुरोध कर के दोपहर में भगवा ध्वज उतरवा लिए थे. हिन्दू संगठन ने प्रशासन के अनुरोध पर झंडे उतार लिए थे.

इसके बाद रात के 11:15 बजे मुस्लिम संगठन ने जालौरी गेट चौराहे पर अपने धर्म का झंडा लगा दिया. इसके साथ ही स्वर्गीय बालमुकुंद बिस्सा (Balmukund Bissa) की प्रतिमा के चेहरे और आंखों को टेप से ढक दिया. स्वर्गीय बालमुकुंद बिस्सा (Balmukund Bissa) के परिवार वालो और हिन्दू संगठनों ने इसका विरोध किया और झंडा उतारने की बात कही. विरोध करने पर दोनों ही समुदाय के बीच हिंसा (Violence) भड़क गयी.

हिंसा के बाद देश में कैसे मनायी जा रही ईद

जोधपुर (Jodhpur) हिंसा में न सिर्फ़ झंडे को लेकर बवाल हुआ बल्कि इसके साथ ही ईद की नमाज़ को लेकर लाउडस्पीकर की तादात भी बढ़ा दी गयी थी. नाराज़ लोगों का हुजूम लगना शुरू हो गया. दोनों समुदाय के बीच भयंकर पत्थर बाज़ी शुरू हो गई थी. उसके बाद पुलिस ने भीड़ को खदेड़ना शुरू किया. लेकिन पुलिस को इसके साथ ही आंसू गैस के गोले तक दागने पड़ गए.

जालोरी गेट पर ही जिले की सबसे बड़े माजिद है. यहाँ ईद पर हर साल सामूहिक रूप से नमाज़ होती आई है. कोरोना (Covid-19) की वजह से 2 साल से नमाज़ नहीं हो सकी थी. हालाँकि बैरिकैटिंग वगेरा भी की गयी थी लेकिन फिर भी पुलिस हिंसा को काबू नहीं कर पाई. जोधपुर में हुई हिंसा (Violence) के बाद देश में डर का माहौल है. तनाव वाले शेहरों में प्रशासन से लेकर आम जनता तक चिंता में है.

 

 

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