आंध्र प्रदेश HC ने TWITTER को लगाई फटकार, कहा- कानूनों का करें पालन नहीं तो बांध लें बोरिया-बिस्तरा

By RAHUL SINGH On February 1st, 2022
TWITTER

आजकल पूरी दुनिया में सोशल मीडिया का क्रेज बढ़ता चला जा रहा है. यंगस्टर्स के अलावा राजनेता व बिजनेसमैन समेत अभी लोग सोशल मीडिया इन्स्टाग्राम, फेसबुक व ट्वीटर का इस्तेमाल करते हैं. इसके साथ आए दिन लोगों के पोस्ट और वीडियों सोशल मीडिया के ज़रिये वायरल होते रहते हैं. ऐसे में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट(High Court Of Andhra Pradesh) ने मंगलवार को ट्वीटर(twitter) को न्यायपालिका के खिलाफ आपत्तिजनक कंटेंट नहीं हटाने पर फटकार लगाई है.

आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने ट्वीटर को लगाई फटकार

न्यायपालिका के खिलाफ आपत्ति पोस्ट को लेकर आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने TWITTER को फटकार लगाई हैं. ट्वीटर पर बरसते हुए कोर्ट ने कहा TWITTER उनके आदेशों एवं निर्देशों का पालन नहीं कर रहा है. कोर्ट ने ये भी कहा कि

‘आप या तो भारतीय कानूनों का पालन करें या अपना बोरिया बिस्तरा बांध कर रवाना हो जाएं.’

कोर्ट ने कहा क‍ि यह पूरी तरह से अवमानना का केस है. कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि वह ट्वीटर के खिलाफ आपराधिक मामले की कार्रवाई शुरू कर सकता है. ऐसे में कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 7 फरवरी को करेगा.

वहीं कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा एवं जस्टिस एम सत्यनारायण मूर्ति की पीठ ने कहा कि ट्वीटर यह जरूर बताए कि अगली सुनवाई से पहले उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए. अदालत ने कहा कि भारतीय कानूनों के साथ TWITTER ‘लुका छिपी’ का खेल नहीं खेल सकता है.’ ऐसे में कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर ट्वीटर इंडिया में अपना काम जारी रखना चाहता है तो उसे अपना तौर-तरीका बदलना पड़ेगा.

द‍िल्‍ली हाई कोर्ट ने TWITTER से मांगा जवाब

दिल्ली हाई कोर्ट ने भी सोमवार को नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में एक महिला के ट्वीटर  अकाउंट को अवैध रूप से’ बंद करने के मामले में सोमवार ने ट्वीटर से जवाव तलब किया है. हाई कोर्ट ने सोमवार को एक अकाउंट के निलंबन को चुनौती देने वाली याचिका पर ट्वीटर को नोटिस जारी किया.

ऐसे में जस्टिस वी कमेश्वर राव ने डिम्पल कौल की याचिका पर कंपनी और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. जारी याचिका में कहा गया है कि ट्विटर एक सार्वजनिक कार्य करता है और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 79 और सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 से बाध्य है.

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