गोल्ड मेडल जीतने के बाद Sakshi Malik के आंखों से छलके आंसू कहा, ‘2 सालों के बुरे वक्त में लोगों ने…’

By Satyodaya On August 6th, 2022
गोल्ड मेडल जीतने के बाद Sakshi Malik के आंखों से छलके आंसू कहा, '2 सालों के बुरे वक्त में लोगों ने...'

कॉमनवेल्थ गेम्स में साक्षी मलिक ने कमाल कर दिया है साक्षी मलिक (Sakshi Malik) ने गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन कर दिया है। 29 साल की साक्षी मलिक ने या मेडल कुश्ती खिलाड़ी में जीता है। साक्षी मलिक का साल काफी अच्छा साबित हुआ है हालांकि पिछले 2 साल साक्षी मलिक के लिए काफी बुरे साबित हुए हैं। उन्हें अपने जूनियर खिलाड़ी सोनम मलिक और मनीषा से हार का सामना करना पड़ा था।

हालांकि वही आपको बता दें इससे पहले साक्षी मलिक ने 2018 और 2014 में भी खास प्रदर्शन किया था। इससे पहले इन्होंने तीन मेडल देश को दिलाए थे। साक्षी मलिक ने 62 वेट केटेगरी में गोल्ड मेडल जीता है। जब इन्होंने गोल्ड मेडल जीती है तो साक्षी ने एक बहुत बड़ा बयान दिया जिसमें उन्होंने अपने गुजरे हुए कुछ बुरे वक्त को याद किया है।

लोग खराब रिजल्ट के कारण खेल छोड़ने को कहते थे

साक्षी मलिक ने बताया कि पिछले 2 साल उनके लिए बहुत खराब साबित हुए दरअसल पिछले 2 सालों में उन्हें अपनी जूनियर खिलाड़ी सोनम मलिक और मनीषा से हार का सामना करना पड़ा था। सोनम ने टैक्स ओलंपिक में प्रदर्शन किया तो वही मनीषा ने एशियन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। साक्षी ने कहा मेरे खराब प्रदर्शन के कारण लोग मुझसे फिर छोड़ने के लिए कहा करते थे मुझे तब बहुत दुख हुआ होता।

लेकिन मुझे विश्वास था कि मैं अच्छी ट्रेनिंग के दम पर एक दिन मुकाम हासिल कर लूंगी मैं अपने कोचों की बात सुनती रही और बहुत जल्द बुरा दौर गुजर गया। उन्होंने कहा कि मुझे अब यह बात भी याद नहीं है कि मैंने पिछले साल किसी इवेंट में हिस्सा लिया था। आपको बता दें पिछले साल साक्षी ने एशियन चैंपियन में 65 क्रिया वेट कैटेगरी में उतरी थी। लेकिन उन्हें क्वार्टर फाइनल हारना पड़ा।

नेगेटिव बातों को दूर करने के लिए करना पड़ा ये काम

साक्षी ने बताया कि जब उन्होंने ट्रेनिंग शुरू की तब उनके दिमाग में बहुत नेगेटिव बातें आ रही थी उन्होंने नेगेटिव बातों को दूर करने के लिए मनोवैज्ञानिक का सहारा लिया। साक्षी ने कहा कि ट्रेनिंग के दौरान मुझे नेगेटिव बातों को अपने दिमाग में निकालना था और मैंने पिछले 2 साल में बहुत कुछ झेला है।

जिसके चलते मैं मानसिक रूप से लगातार संघर्ष कर रही थी। जिसके चलते हैं मुझे मनोवैज्ञानिक का सहारा लेना पड़ा उनकी सलाह लेनी पड़ी उन्होंने मुझे डेली रूटीन करने के लिए कहा मैंने वह किया फिर मैं आज इस मुकाम तक पहुंच पाई हूं। आपको बता दें साक्षी मलिक ने 2016 में रियो ओलंपिक ब्रान्ज मेडल जीतकर अपना नाम इतिहास में दर्ज कराया था।

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Tags: एशियन चैंपियनशिप, ओलंपिक, गोल्ड मेडल, साक्षी मलिक,
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