Covid-19: OMICRON से जल्द मिलेगा छुटकारा, नई वैक्सीन बनाने पर हो रही चर्चा

By RAHUL SINGH On February 1st, 2022
OMICRON

देश नहीं दुनियाभर में कोरोना(corona) का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन(omicron) अपने पैर पसार रहा है. OMICRON वेरिएंट के बढ़ते मामले सामने आने के बाद कोरोना का ग्राफ बड़ी तेजी के साथ उपर जा रहा है. वहीं कोरोना के नए वेरिएंट OMICRON के खतरे को देखते हुए दुनियाभर में इससे लेकर लोगों में बहस शुरू हो गई हैं क्या अब इस कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से बचने के लिए अलग से किसी वैक्सीन की जरूरत पड़ेगी.

वहीं इस मामले पर विशेषज्ञों से की गई बातचीत में ज्‍यादातर लोगों की राय अलग-अलग दिखाई दे रही है. वहीं मेडिकोज और उनसे जुड़े शोधकर्ताओं के अनुसार अभी तक वैज्ञानिक ये तय नहीं कर सके हैं कि ओमिक्रॉन वैक्‍सीन के लिए उनके पास कितना टाइम है.

OMICRON के आकड़ें दुनियाभर में हो रहे स्थिर

जानकारी के मुताबिक दुनियाभर में OMICRON के आकड़े अब पहले से स्थिर हो चुके हैं. ऐसे में जब तक ओमिक्रॉन वेरिएंट पर अलग वैक्‍सीन तैयार होगी तब तक उम्‍मीद है कि ओमिक्रॉन के केस दुनियाभर में कम हो जाएं. वहीं विशेषज्ञों ने ये भी कहा है कि ओमिक्रॉन के बाद भी कई और वेरिएंट के आने संभावना जताई जा रही है. ऐसे में क्‍या हम उन वेरिएंट के लिए भी अलग वैक्‍सीन बनाएंगे.

अभी तक कोरोना के लिए जो वैक्सीन बनाई गई है वह चीन के वुहान में पाए गए सबसे पहले वायरस SARS-CoV-2 को ध्‍यान में रखते हुए तैयार किया गया है. हालांकि तब से इस वायरस में कई तरह के बदलाव देखने को मिल चुके हैं. ओमिक्रॉन स्ट्रेन लगातार अपना रूप बदल रहा है.

ऐसे में कोरोना के और भी डेल्टा वैरिएंट जल्द ही दुनियाभर में फ़ैल सकते हैं. जो वेरिएंट ओमिक्रॉन से भी ज्‍यादा खतरनाक साबित होगा. ऐसे में ज्‍यादातर विशेषज्ञों ने कोरोना के लिए नई वैक्‍सीन बनाने पर जोर दिया है. वहीं ये भी समझना होगा कोरोना का बूस्टर डोज हमें हमेशा के लिए सुरक्षित नहीं कर सकता है.

बूस्‍टर डोज से 92 फीसदी भारती होने के चांस हो जाते हैं कम

यूके की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने कहा है कि वैक्‍सीन की तीसरी डोज रोगियों को अस्‍पताल में भर्ती होने के जोखिम को 92 फीसदी कम कर सकता है. वहीं यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) का कहना है कि यह 90 प्रतिशत तक मरीज को अस्‍पताल में भर्ती होने से रोक सकती है. हर कोई इस बात से सहमत है कि booster dose से सुरक्षा तो मिलती है लेकिन इसकी ताकत ज्यादा दिनों तक नहीं रहती हैं.

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