ईशान किशन को लेकर महेंद्र सिंह धोनी की सच साबित हुई सबसे बड़ी भविष्यवाणी, कोच ने कर दिया बड़ा खुलासा

By Adeeba Siddiqui On December 13th, 2022
ईशान किशन

भारत और बांग्लादेश के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज खेली गई जिसमे तीसरा वनडे बेहद शानदार रहा. इस मैच में भारतीय टीम के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन ने बेहद घातक प्रदर्शन किया और दोहरी शतकीय पारी खेली. ईशान किशन ने इस मुकाबले में 131 गेंदों का सामना करते हुए 210 रनों की पारी खेली. इस दौरान उनके बल्ले से 24 चौके और 10 छक्के निकले ईशान किशन ने इस दोहरे शतक के साथ अपने नाम एक रिकॉर्ड कर लिया.

ईशान किशन भारत के चौथे ऐसे बल्लेबाज बन गए हैं जिनके बल्ले से वनडे में दोहरा शतक निकला है. ईशान किशन की घातक बल्लेबाजी ने हर किसी को प्रभावित किया है, वहीं उनके कोच उत्तम मजूमदार भी उनके प्रदर्शन से काफी प्रसन हुए हैं और उन्होंने एक बात का खुलासा किया है जो महेंद्र सिंह धोनी ने ईशान किशन के लिए उनके डेब्यू के वक्त कही थी.

धोनी ने कही थी यह खास बात

ईशान किशन के बांग्लादेश के खिलाफ धाकड़ प्रदर्शन देखते हुए उनके बचपन के कोच मजूमदार बेहद खुश हुए हैं, और उनकी तारीफों के पुल बांधने के साथ साथ कोच मजूमदार ने मीडिया से बात चीत करते हुए उन बातों का खुलासा किया है जो भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने ईशान किशन के लिए उनके डेब्यू के वक्त कही थी. उन्होंने बताया,

“ईशान के भारत में पदार्पण करने से पहले ही, मुझे पता है कि एमएस उनसे कहते थे कि अगर उनके जैसा प्रतिभाशाली खिलाड़ी देश के लिए लंबे समय तक नहीं खेलता है, तो वह किसी और के साथ नहीं बल्कि खुद के साथ अन्याय करेंगे.”

“ईशान के बड़े भाई राज किशन भी बहुत टैलेंटेड क्रिकेटर थें. हालांकि उनके माता-पिता ने फैसला लिया कि एक लड़का स्पोर्ट्स में जाएगा, और दूसरा पढ़ाई करेगा. राज बड़ा था, इसलिए उन्होंने बलिदान दिया और मेडिकल ड्रिगी चुना.“

शुरुआती ट्रेनिंग पर भी किया खुलासा

ईशान किशन के बचपन के कोच उत्तम मजूमदार ने ईशान किशन के हालिया प्रदर्शन पर बात करते हुए कई बड़े खुलासे किए. इनमें से एक खुलासा उनके करियर की शुरुवात के समय की ट्रेनिंग से जुड़ा था. कोच मजूमदार ने बताया,

“जब पहले दिन ईशान प्रशिक्षण के लिए आया, वह इतना छोटा था, कि मैंने उसे अंडर आर्म बॉल खिलाई और वह बच्चा सही कवर ड्राइव खेला. जिस क्षण मैंने छह साल के बच्चे के कुछ कवर ड्राइव देखे, मैंने प्रणव जी से कहा, आपका बेटा खास है और अगर वह भारत के लिए नहीं खेलता है तो वह दुर्भाग्यशाली होगा.”

इतना ही नहीं इसके आगे बात करते हुए कोच मजूमदार ने ईशान किशन के जीवन के संघर्ष और उनके द्वारा की गई मेहनत के बारे में बात करते हुए बताया,

“आपने उन 10 छक्कों को देखा और आपने महसूस किया होगा कि इतने छोटे फ्रेम के बावजूद वह किस तरह की ताकत पैदा करते हैं. यह रातोंरात नहीं हुआ है. ऐसे महीनों के प्रशिक्षण होंगे, जब वह दो सत्रों में बल्लेबाजी करते थे और प्रतिदिन कम से कम 500 से 600 गेंदें नेट पर खेलते थे. उनमें से कम से कम 200 गेंदें डेडिकेटेड पावर-हिटिंग के बारे में थीं। मैं हमेशा उनसे कहता हूं कि जो बीत गया वह इतिहास है. मेरे लिए अतीत कभी मायने नहीं रखता और मैं हमेशा ईशान से यही कहता हूं.”

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