विराट कोहली हैं “अर्जुन” तो एबी डिविलियर्स “कर्ण” जानिए महाभारत के किस किरदार में फिट बैठता है कौन सा क्रिकेटर

By Twinkle Chaturvedi On December 3rd, 2022
क्रिकेट

क्रिकेट जगत के किरदार अक्सर हमें किसी ना किसी चीज की याद दिलाते रहते हैं। कुछ दिन पहले हमने आपको रामायण और क्रिकेट जगत के खिलाड़ियों के बीच रहने वाले कुछ समानता के बारे में बताया था। आज हम आपको क्रिकेटर और महाभारत के किरदारों के बीच रहने वाले समानता के बारे में बताने वाले हैं। महाभारत के किरदार ने हम सबको जीवन का एक नया रहस्य बताया हैं और जीवन को कैसा जीना हैं यह भी बताया हैं। तो चलिए आपको महाभारत के कौन से किरदार किस क्रिकेटर को फिट बैठते हैं आपको बताते हैं-

विराट कोहली में दिखाई देती हैं योद्धा अर्जुन की झलक

विराट कोहली (VIRAT KOHLI) अपने सारे कामों को लेकर काफी ज्यादा समर्पित रहते हैं। उनके अंदर वो सारे गुण हैं जो एक असली योद्धा में होते हैं। इसलिए वह अर्जुन (ARJUN) से मेल खाते हैं। विराट आक्रमक और आत्मविश्वास से लबालब रहते हैं। वह दुनिया में किसी को भी चुनौती देने की हिम्मत रखते हैं। विराट के रिकॉर्ड उनको हीरो बनाते हैं जबकि गुनिया में कई प्रतियोगी मौजूद हैं। इसलिए विराट क्रिकेट जगत के अर्जुन हैं।

कर्ण और एबी डिविलयर्स में हैं यह समानता

कर्ण (KARN) तीरंदाजी में कमाल थे वह युद्ध में भी अपना सर्वश्रेष्ठ देने में कभी पीछे नहीं रहते थे। ठीक उसी तरह एबीडी (ABD) भी हर चीज में कमाल करते हुए नजर आते हैं। वह जो भी करते हैं उसमें वह सर्वश्रेष्ठ हैं। लेकिन वह हमेशा हारने वाली साइड में ही रह गए। वह एक भी वर्ल्ड कप नहीं जीत पाए। जिस तरह कर्ण सर्वश्रेष्ठ रहने के बावजूद एक भी युद्ध नहीं जीत पाए।

राहुल द्रविड़ में दिखते हैं युद्धिष्ठिर

राहुल द्रविड़ (RAHUL DRAVID) बहुत शांत और प्रतिभावान हैं। वह अपने शालीनता भरे स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। राहुल द्रविड़ कभी भी अपना आपा खोते हुए नजर नहीं आते हैं। बिल्कुल युद्धिष्ठिर (YUDHISHTHIR) की तरह और तो और राहुल द्रविड़ को भी युद्धिष्ठिर की तरह विरोधी टीमें भी काफी ज्यादा पसंद करती हैं। राहुल द्रविड़ को हर किसी से काफी ज्यादा प्यार मिला हैं।

मोर्कल भाईयों में नजर आते हैं नकुल और सहदेव

नकुल (NAKUL) और सहदेव (SAHDEV) दोनों ही करिश्माई हैं दोनों ही जब साथ रहते थे हमेशा अपना बेस्ट ही देते थे। नकुल और सहदेव अपने अन्य भाईयो की तरह उतने ज्यादा फेमस नहीं थे। लेकिन पांडवों की जान थे दोनों के बिना लड़ाई को जीतना सफल हो नही पाता। ठीक उसी तरह साऊथ अफ्रीकी भाईयों की जोड़ी मोर्कल ब्रदर्स (MORKEL BROTHERS) हैं। दोनों ने अपने खेल से साऊथ अफ्रीका क्रिकेट को योगदान दिया हैं।

सचिन तेंदुलकर हैं क्रिकेट जगत के भीष्म पितामह

भीष्म (BHISHM) दुनिया के सबसे ताकतवर योद्धाओं में से एक हैं। उन्हें कभी भी अपने शक्तियों का घमंड नहीं हुआ। ठीक उसी तरह क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर (SACHIN TENDULKAR) हैं। सचिन ने अपने रिटायरमेंट तक हर खिलाड़ियों को बेहतर बनने के लिए प्रेरित किया हैं। क्रिकेट खिलाड़ी हमेशा सचिन के ऊपर निर्भर रहते थे।

भीष्म के पास शक्ति थी पूरी दुनिया को उजाड़ने की उसी तरह सचिन भी अपने बल्ले के कमाल से दुनिया को पटखनी देने का दम रखते थे। भीष्म ने पांडवों की तरफ रहकर उन्हें हमेशा सही शिक्षा दी जो शिक्षा आज तक हम पा रहे हैं। ठीक उसी तरह सचिन तेंदुलकर ने भी अपनी शिक्षाओं से और खेल से आज तक भारतीय क्रिकेट को बहुत कुछ देते हुए आ रहे हैं।

हार्दिक पांड्या हैं अभिमन्यु

अभिमन्यु (ABHIMANYU) दुनिया के सबसे प्रतिभावान योद्धाओं में से एक हैं। अभिमन्यु को अपनी शक्तियों पर हमेशा भरोसा रहता था। ठीक उसी तरह हार्दिक पांड्या (HARDIK PANDYA) भी अपनी शक्तियों पर हमेशा यकीन करते हैं और आत्मविश्वास के बल पर आगे बढ़ते हैं। हार्दिक पांड्या आज कल जब बल्लेबाजी करते हुए नजर आते हैं

वह आत्मविश्वास हम उनमें देख सकते हैं। एक और उदाहरण हैं अभिमन्यु ने चक्रव्यूह तोड़ा था वो भी अकेले के बल बूते पर हार्दिक भी भारतीय टीम के लिए चक्रव्यूह तोड़ने का काम करते हैं जो हमने पाकिस्तान के खिलाफ मैच के अलावा कई मैचों में देखा हैं।

रोहित शर्मा में दिखाई देते हैं गद्दाधारी भीम

भीम की शक्तियों से हर कोई परिचित हैं। क्रिकेट में भी रोहित शर्मा (ROHIT SHARMA) जिस तरह से गेंद को हिट करते हैं वह शक्ति किसी और के पास नहीं हैं। अगर रोहित जब मूड में आ जाए तो वह भारत के लिए अकेले 200 से ज्यादा रन बनाने की हिम्मत रखते हैं। भीम पांडवों के सबसे प्रमुख सदस्य थे। भारतीय टीम की कल्पना रोहित के बिना कभी नहीं की जा सकती।

भीम (BHEEM) अकेले के दम पर युद्ध को संभालते हुए नडजर आते थे। रोहित भी मुश्किल समय पर भारत की ढाल बनते हुए नजर आते हैं। आजल कल रोहित मैदान भी गद्दाधारी भीम जैसा गुस्सा दिखाने में भी माहिर होते जा रहे हैं।

धोनी हैं क्रिकेट जगत के रचयिता कृष्ण

महेंद्र सिंह धोनी (MS DHONI) के आने से हमने भारतीय क्रिकेट का एक नया युग देखा हैं। धोनी ने अपनी कप्तानी में भारत को तीनों ट्रॉफियां जीतवाया हैं। धोनी का शांत स्वभाव, उनके फैसले और उनका खेल को समझने का तरीका काफी ज्यादा सटीक हैं। वह कभी भी मैच पलटने की ताकत रखते थे। धोनी को हमेशा पता होता हैं कि क्या होने वाला हैं बिल्कुल कृष्ण (KRISHNA) भगवान की तरह कृष्ण भगवान का दिमाग पांडवों को युद्ध में जीत दिलवा गया। धोनी और कृष्ण का दिमाग दुनिया में सबसे बेहतरीन दिमागों में से एक हैं।

रवि शास्त्री हैं द्रोणाचार्य

द्रोणाचार्य (DRONOCHARYA) ने अर्जुन जैसे योद्धा को तलाश कर दुनिया को हीरा दिया हैं। रवि शास्त्री (RAVI SHASTRI) ने भी भारतीय क्रिकेट टीम के कोच के रूप में टेस्ट क्रिकेट को आगे बढ़ाया। भारत ने उनकी कोचिंग में भले कोई ट्रॉफी नहीं जीती। लेकिन भारतीय टीम को उन्होने ऊंचाईयां देने में कोई कमी नहीं रखी हैं। खिलाड़ियों को समझ कर उनसे बेस्ट निकलवाने में रवि माहिर थे। इसलिए वह क्रिकेट जगत के द्रोणाचार्य हैं।

मिस्बह हैं क्रिकेट जगत के दुर्योधन

दुर्योधन (DURYODHAN) भले ही अपनी जिंदगी भर हमेशा गलत तरफ रहे हैं लेकिन वह सबसे ज्यादा शक्तिशाली थे इस बात पर कोई संदेह नहीं हैं। दुर्योधन हमेशा विरोधियों के सामने जीत की मंशा रखते थे। ठीक उसी तरह पाकिस्तानी खिलाड़ी मिस्बाह (MISHABH) भी हैं। वह जब भी भारत के खिलाफ खेलते थे वह सिर्फ जीत की इच्छा रखते हुए आक्रमकता दिखाते थे।

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