क्रिकेट की ऐसी दीवानगी आपने नहीं देखी होगी, खिलाड़ी बनाने के लिए घर छोड़ा अब 10 साल बाद स्टार बनकर घर लौटे
क्रिकेट भारत में सिर्फ एक खेल तक सिमित नहीं रह गया है, भारत में क्रिकेट एक धर्म बन चूका है। भारत का ज्यादातर युवा वर्ग क्रिकेट में करियर बनाने की चाहत रखता है। अन्य खेलों में भी लोग दिलचस्पी दिखाते हैं, लेकिन क्रिकेट की दीवानगी के आगे दूसरे खेलों को उतना महत्व नहीं मिलता। क्रिकेटर बनना भी आसान नहीं है। शीर्ष स्तर पर पहुंचे क्रिकेटर हों या वहां पहुंचने की होड़ में लगे युवा क्रिकेटर्स, हर किसी के पास अपनी की एक कहानी है, जो कई लोगों के लिए प्रेरणा का भी काम करती है।
ऐसी ही एक कहानी मुंबई इंडियंस (MI) के स्पिनर कुमार कार्तिकेय (Kumar Kartikeya) की है, जोकि क्रिकेट में करियर बनाने के सफर में अपने परिवार से ऐसे बिछड़े कि 9 साल तीन महीने बाद मुलाकात कर पाए। कुमार कार्तिकेय ने आईपीएल (IPL) 2022 में शानदार प्रदर्शन के दम पर फैंस के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी, लेकिन इन दिनों वे अपने प्रदर्शन को वजह से नही बल्कि एक ट्वीट को लेकर चर्चा में बने हुए हैं।
कुमार कार्तिकेय 9 साल और 3 महीने बाद अपनी मां से मिले
आईपीएल (IPL) 2022 में मुंबई इंडियंस (MI) के लिए डेब्यू करने वाले खिलाड़ी कुमार कार्तिकेय (Kumar Kartikeya) का कड़ा संघर्ष किसी को भी इमोशनल कर सकता है। वे अपने क्रिकेटर बनने की कहानी को लेकर काफी चर्चा में रहे थे, वहीं अब उन्होंने एक ऐसा ट्वीट किया है जो फैंस को दोबारा भावुक करने पर मजबूर कर सकता है।
दरअसल कार्तिकेय कुमार कार्तिकेय (Kumar Kartikeya) ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक फोटो शेयर की है। जिसमें वो अपनी मां के साथ खड़े हुए नजर आ रहे है। कार्तिकेय ने कैप्शन में लिखा कि वो 9 साल और 3 महीने बाद अपनी मां से मिल रहे हैं। जिसके बाद उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है और वे अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में असमर्थ हैं।
Met my family and mumma ❤️ after 9 years 3 months . Unable to express my feelings 🤐#MumbaiIndians #IPL2022 pic.twitter.com/OX4bnuXlcw
— Kartikeya Singh (@Imkartikeya26) August 3, 2022
क्रिकेटर बनने के लिए 15 साल की उम्र में छोड़ दिया था घर
कार्तिकेय के पिता श्याम नाथ सिंह झांसी पुलिस लाइन में सिपाही के पद पर तैनात हैं। उनके पिता मूल रूप से सुल्तानपुर गांव के कुवांसी के रहने वाले हैं। वर्तमान समय में श्यामनाथ सिंह का परिवार कानपुर में रहता है। कार्तिकेय सिंह (Kartikeya Singh) को क्रिकेट खेलने का बचपन से ही शौक था, लेकिन उनके हौसले और जुनून के आगे किसी भी समस्या का टिक पाना मुश्किल था।
उन्होंने क्रिकेटर बनने के लिए काफी कड़ा संघर्ष किया। कार्तिकेय ने एक कामयाब क्रिकेटर बनने के लिए 15 साल की उम्र में छोड़ दिया था। जिस उम्र में युवा पढ़ाई लिखाई करके कुछ बनने के बारे में सोच रहे होते हैं। उस समय इस खिलाड़ी ने पढ़ाई से किनारा कर लिया था। अपना खर्च खुद उठाने के लिए वे एक फैक्ट्री में मजदूर के तौर पर काम करते थे।
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