MUSTARD OIL की कीमतों में आई अब तक की सबसे भारी गिरावट, सोयाबीन व मूंगफली के तेल के गिरे दाम
Edible oil prices down: देश में सोना-चांदी(gold-silver)व पेट्रोल-डीजल(petrol-diesel) के साथ-साथ खाने वाले तेल(edible oil) ने भी खाने स्वाद बिगाड़ दिया था. क्यों इन चीजों के साथ खाने वाले तेलों के दाम काफी बढ़ गए थे. हालांकि इन दिनों खाने वाले तेलों लोगों को काफी राहत पहुंचाई है.
क्योंकि इन दिनों इंटरनेशनल मार्केट में तेजी आने की वजह से तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को मूंगफली(Peanuts oil) और सोयाबीन तेल(soyabean oil) बिनौला(Cottonseed oil), सीपीओ(CPO), पामोलीन तेल की कीमतों में सुधार देखने को मिला है. वहीं दूसरी तरफ, बाजार में सरसों की नई फसल की तैयार होने की वह से तेल तिलहन के भाव में भी भारी गिरावट देखने को मिली है. यानी की इस फरवरी के महीने में आम लोगों के खाने का स्वाद बढ़ गया है.
MUSTARD OIL में आई भारी गिरावट
बाजार के जानकार के मुताबिक शिकॉगो एक्सचेंज तेल-तिलहन मजबूती पर चल रहा है. ऐसे में विदेशी बाजारों में तेजी के बावजूद मंडियों में सरसों के नए फसल की आवक बढ़ने से सरसों तेल की कीमतों में नरमी देखने को मिल रही है. इससे पहले लगातार तेल-तिलहन की कीमतों अपने चरम पर थीं.
जानिए कब सस्ते होंगे तेल
MUSTARD OIL के अलावा बाजार में पहले हल्के तेलों में सोयाबीन और बिनौला तेल की कीमत 25-30 रुपये किलो अधिक रहा करता था, उसके भी अब सस्ते होने की संभावनाएं काफी ज्यादा बढ़ गईं हैं. नए फसल की आवक बढ़ने के बाद इसमें 15-20 दिन में इन हल्के तेलों के मुकाबले 5-7 रुपए किलो सस्ता हो जाने का अनुमान है.
सरसों के साथ मूंगफली का तेल हुआ सस्ता
सरसों के तेल के साथ मूंगफली के तेल(peanut oil) ने भी लोगों को राहत पहुंचाई है. वहीं अब सोयाबीन व बिनौला का तेल भी काफी कम दामों में मिल रहा है. बढ़ती महंगाई से राहत के लिए और खाद्य तेलों के आयात को कम करने के साथ तेल तिलहन के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए देश को तिलहन उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है.
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