खुशखबरी! होली से पहले सरसों तेल की कीमत हुई धड़ाम, जानिए क्या है अब नई कीमत
रूस-यूक्रेन वार(Russia-ukrain war) का असर दुनियाभर में देखने को मिल रहा है. वहीं इस वार का असर सबसे ज्यादा भारत में देखने को मिल रहा है. भारत में इन दिनों पेट्रोल- डीजल, एलपीजी, सिलेंडर, व अरहर डाल की कीमतें सातवें आसमान पर हैं. सभी चीजों की कीमतें बढ़ने से आम लोगों का बजट पूरी तरह से बिगड़ गया है. हालांकि इस महंगाई के मौसम में सरसों तेल(mustard oil) की कीमतों ने आमजन को राहत पहुंचाई है. चलिए जानते हैं कितने रुपये की MUSTARD OIL में कमी आई है.
MUSTARD OIL के घटें दाम
इस महंगाई के मौसम में इन दिनों MUSTARD OIL की कीमतों में कमी देखी गई हैं. जिसके बाद से बाजार में इस त्योहारी मौसम में खरीददारों का तांता लगा हुआ है. आज रविवार को बाजार में सरसों तेल 3 रुपये की गिरावट के साथ अब 165 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. बीते दिन सरसों का तेल 168 रुपये के औसतन भाव पर बंद हुआ था. वहीं इससे पहले सरसों तेल 160 रुपये प्रति लीटर के भाव से बेचा जा रहा था.
MUSTARD OIL अब उच्चतम स्तर से लगभग 30-40 रुपये की कमी से साथ बेचा जा रहा है. यूपी में 3 जनवरी को सरसों का तेल 164 रुपये था, जबकि दिसंबर 2021 में सरसों का तेल अपने अधिकतम रेट 200 रुपये तक जा पहुंचा था.
वहीं अगर हम बाजार के जानकारों की माने तो होली के मौसम में तेल की खपत कम होती है. जिसकी वजह से सर्दियों के जाने के साथ- साथ सरसों तेल के भाव बाजार में गिरने लगते हैं. ऐसे में बाजार के विशेषज्ञों का मानना है. विशेषज्ञों के अनुसार बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तेल तिलहन की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए राहत दी है. जिसका असर कुछ महीनों के बाद देखने को मिलेगा.
गत्ते के पैक पर लगे रोक
खाने वाले के निर्यात के लिए क्राफ्ट पेपर(craft paper) (गत्ते) से बने पैक का अधिक इस्तेमाल होता है और इस गत्ते की कीमत पिछले करीब 1 साल में लगभग दोगुनी हो गई है. इसके महंगा होने से खाद्य तेलों के अलावा बाकी वस्तुओं के दाम बढ़ते हैं. इसलिए मौजूदा समय में इसके गत्तों के निर्यात पर रोक लगानी चाहिए. सरकार खाद्य तेलों का दाम(edible oil price) कम करना चाहती है तो उसे हर उस पहलू को ध्यान देना होगा जो जिससे तेल महंगे हो रहे हैं.
Tags: सरसों तेल की कीमत,